Garibi Shayari
कैसे भरोशा करे अमीरो के प्यार पर ये ब्याज सहित निकाल लेता है गरीबो के मज़बूरियों पर
गरीबी वो बीमारी है साहब जो ला इलाज है!! इस देश मे
गरीब ज़िन्दगी भर पैसे के लिए काम करता है… जबकि, पैसा अमीरों के लिए काम करता है..!!?
गरीब शब्द अपने आप में गरीब नहीं है ! आज दुनिया की बहुत बड़ी आबादी पर राज कर रहा है !
गरीब और अमीर दोनों मंदिर में जाते हैं… फर्क बस इतना है कि अमीर लोग मंदिर में जाकर भिख मांगते है और गरीब लोग मंदिर के बाहर…!
Garibi Shayari
अगर अपनी बातों से किसी के होठों पर एक मुस्कान भी ना ला सको.. तो हाँ गरीब हो तुम…!! ❤️
गरीब कि क्या खूब हँसी उड़ाई जा रही है , 1 रोटी देकर 100 तसवीरे खिंचाई जा रही हैं
वह गरीब है धन से ईमान से नही वह गरीब है पर ईमानदार है मेहनत की दो रोटी खाता है फिर भी दूसरों के लिए अपनापन रखता है वह गरीब है फिर भी अपनों के लिए जीता है
जनाजा बहुत भारी था उस गरीब का, शायद सारे अरमान साथ लिए जा रहा था
यु ही नहीं दर बदर फिरते है ये गरीब कई ऊँची इमरतो ने इनके घर उजाड़ दिए
ठिकाना तो पहले भी न था पक्का गरीब का… और इस मुसीबत ने उसे दरबदर कर दिया…
गरीब की थाली में फिर से पुलाव आया, लगता है शहर में फिर से चुनाव आया
अपने हिस्से कि खाता हूं , ईसी लिये गरीब कहलाता हूं .
बहुत भूखी होती है गरीबो की ज़िंदगी। जो उनके हिस्से का बचपन भी छिन लेती है।?
गरीबी और गुलामी कोई ज़िन्दगी नहीं होती साहेब, बनना छोड़िए बस महसूस ही कर लीजिए… जो शौकीन सपने आप दिन में पालते हैं, वो सपने रात को टूटी चारपाई और बद-मैले बिस्तरों पर सो तक नहीं पाते…
देख ज़माने को वो गरीब मुस्कुराना सीख गया, भुख लगी थी ज़ोरो से वो पानी पीना सीख गया,
हां अमीर तू है, ये जानता हूं मैं, गरीब मैं हूं मगर ये मेरी खता तो नही।।
सब कुछ जिसके पास सम्हालने से जादा धन वो है आज का सबसे बड़ा गरीब ????
तु है गरीब धन से.., हिम्मत से नही.., यदि तुझे अपनी मंजिल ही प्यारी है तो.., रास्ता बदल ले.., पर रूखना नही, और झुकना नहीं?
गरीब वह नहीं है जो एक वक्त की रोटी के लिए मजबूर हैं , गरीब वह है जो किसी भी गलती को सुधारने के लिए तैयार नहीं हो।
वो महंगे खिलौने सी थी, मैं गरीब के बच्चे सा देखता रह गया
“जो गरीबी में एक दिया भी न जला सका एक अमीर का पटाखा उसका घर जला गया।”
भुख गरीब का महजब होती है, और रोटी उसकी जात।।
हा मैं गरीब हु, लेकिन अपनी फसल से लाखों का पेट भर देता हूं.
यार माना कि ग़रीब हैं, पर छुपाओ मत कि तुम्हारे दिल क़रीब हैं।
Jaya karao garibo ki basti me kuch nahi to khuda ka sukr karna hi sikh jaoge
Ek gareeb poora din tapta hai, fr jaake shaam ko uske ghar chulha jalta hai
Kya ye kafi nahi.. Ki garib hai wo..