Judai Shayari In Hindi | जुदाई शायरी हिंदी में

जुदाई शायरी उन लोगो के लिए जिसे किसी से दूर होना पड़ा है किसी करन की वाजा से।
जुदाई बहुत दुख देके जाति है जब हम किसी से दूर होते हैं दोस्तो तो आज की पोस्ट जुदाई से ही संबंधित है आशा करता हूं कि आपको पसंद आएगा।

कोई सुबह आती है तुम्हारी याद लेकर,
कोई शाम जाति है तुम्हारी याद देकर,
हमें सुबा का इंतजार है,
जो आए तुम्हारे साथ लेकर
तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती हैं.
गज़ल में गीत में दोहे में और रुबाई में,
कहां कहां नही ढूंढा तुझे जुदाई में ।।
आपकी आहट दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं इतने दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।

Judai Shayari In Hindi

आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किन किन अदाओं से तुम्हें माँगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
तू क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस टूटे हुए दिल से पूछ क्या है जुदाई,
बेवफाई का इल्ज़ाम न दे ज़ालिम,
इस वक़्त से पूछ किस वक़्त तेरी याद नहीं आती।
अगर मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे पूछते क्यों हो।
उसे हम छोड़ दे लेकिन
बस एक छोटी सी उलझन है,
सुना है दिल से धड़कन की
जुदाई सिर्फ मौत होती है।

Judai Ki Shayari

दिल को मेरे ये एहसास भी नहीं है,
कि अब मेरा मेरा यार मेरे पास नहीं है,
उसकी जुदाई ने वो ज़ख्म दिया हमें,
जिंदा भी न रहे और लाश भी नहीं है।
किसी की चुड़ियों की खानक सुनता हू तो मुझे तुम याद आती हो....
किसी का आंचल लहरते देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
तेरा बारिश में मेरे संग चलना, बिजली के चमकने पर मुझसे लिपटना....
बरसात की बुंदो को छूता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
फूलो को प्यार से सहलाना, उनकी महक को अपनी सांसो में महकाना....
फूलो को खिलते देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
तम्हरे खुले बालो का कमर तक आना, बालो का घट को मेरे चेहरे पर फेलाना....
किसी की खुली जुल्फें देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
तुम्हारा वो चंचलपन, बचाओ की तरह ज़िद्द और शरत करना....
किसी की बचे की शररत देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....

Judai Ki Shayari

बहाने बहाने से आपकी बात करते हैं
हर पल आपको महसुस करते हैं
इतनी बार तो आप सांस भी नहीं लेने देंगे
जितनी बार हम आपको याद करते हैं!
यूही आंखों से आंसू बहते नहीं,
किसी और को हम अपना कहते नहीं,
एक तुम ही हो जो रुक से गए हो जिंदगी में,
वर्ना रुकने के लिए हम किसी को कहते नहीं।
वो वक्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे
जहां में जलते कफन देखता हूं तो मुझे तुम बहुत याद आती हो...
तुम्हारा मुझे छोडकर जाना, फिर कभी लूट कर ना आना....
तुम्हारा यू मुझे अपना बनाना, मेरी आखों में खुद को बसाना....
आने में अपना अक्स देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
तुम्हारा समुंदर किनारे घरोंडे केला, बनार हमारा आशियाना बटाना का प्रयोग करें....
समुद्र किनारे टूट घरोंडे देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
तुम्हारा वो पालके उठान, अपनी मुस्कान से सबको दीवाना बनाना....
किसी दीवाने को देखता हूं तो मुझे तुम याद आती हो....
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते
किसी को प्यार इतना देना कि हद न रहे
पर ऐतबार भी इतना रखना कि शक न रहे
वफ़ा इतनी करना कि बेवफाई न हो
और दुआ बस इतनी करना की जुदाई न हो
याद में तेरी आहें भरता है कोई
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई
मौत तो ऐसी चीज़ है जिसको आना ही है
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं(Judaai Quotes)
मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले,
तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी।
इन दूरियों को जुदाई मत कहना
इन खामोशियों को रुसवाई मत कहना
हर मोड़ पर याद करेंगे आपको
ज़िन्दगी में साथ नहीं दिया तो बेवफाई मत कहना
जिगर है छलनी-छलनी... आँखें लहू-लहू हैं,
तेरी जुदाई ने मुझे इस कदर तबाह कर दिया।
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए,
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया।
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया
कट गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया
उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई
और हमें इंकार करना नहीं आया। (Judaai Status)
वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है,
कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है,
जो मुझे तुझसे जुदा करती है,
हाथ की उस लकीर से डर लगता है।
जब वादा किया है तो निभाएंगे
सूरज किरण बन कर छत पर आएंगे
हम हैं तो जुदाई का ग़म कैसा
तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएंगे
जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,
अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हैरान करें।
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
ना मेरी नीयत बुरी थी, ना उसमे कोई बुराई थी
सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी
अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की,
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की।
जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी। (Shayari on Judai)
अकेला महसूस करो जब तन्हाई में,
याद मेरी आये जब जुदाई में,
मैं तुम्हारे पास हूँ हर पल,
जब चाहे देख लेना अपनी परछाई में।
दिल से नहीं जाती वो शाम जुदाई वाली,
भूल गया हु ईद मिट गयी है अपनी दिवाली
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है।
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके
तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी
और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके

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