हम हमेशा किसी के इंतजार में होते हैं।चाहे वो कोई इंसान हो या कोई मौका हो।लेकिन आज के ईश पोस्ट में हम किसी व्यक्ति का इंतजार पर है। वो कोई वी हो सकता है हमारा दोस्त, माता-पिता, मोहब्बत या कोई और। तो चलिये ईश पोस्ट को साथ में पढते हैं, अगर पोस्ट अच्छी लगे तो पोस्ट को शेयर करें अपने दोतो के साथ और हम वेबसाइट को बुकमार्क करें भविष्य के अपडेट के लिए।
Intezaar Shayari Hindi
इंतजार रहता है हर शाम तेरा, रातें काट ते है ले ले के नाम तेरा, मुद्दत से बैठी हु ये आस पाले, शायद अब आ जाए कोई पैगम तेरा..!
तेरा इंतजार मुझे हर पल रहता है; हर लम्हा मुझे तेरा एहसास रहता है; तुझ बिन धड़कने रुक सी जाती हैं; क्यों तू मेरे दिल में मेरी धड़कन बनके रहता है!
इतना ऐतबार तो अपनी धड़कनों पर भी हमने ना किया, जीता आपकी बातें पर करते हैं; इतना इंतजार तो अपनी सांसों का भी ना किया, जितना आपके मिलने का करते हैं!
चले भी आओ की हम तुमसे प्यार करते हैं, ये वो गुना है जो हम बार-बार करते हैं, लोग मौत तक तके हैं राह दिलदार की, हम हैं की कबर में भी तेरा इंतजार करते हैं!
एक आस से इस्स आस पे जिये जा रहा हूं मैं.... मेरी जान एक ना एक दिन वो लौट के जरूर आएगी..
दिन रात सुलगता रहता हूं याद में जिस... जाने कब अग वो इस दिल की आ भुजेगा...
कब ख़तम होगा मेरा सफर-ए-तन्हाई ये... जाने कब वो महफिले मेरी आ जाएगी...
एक मुद्दत से वेरन है आश्यान मेरा.... जाने कब आ के वो फिर से इसे सजेगा...
जाने ये जिंदगी मेरी कब मुस्कान... जाने वो कब लौट के पास मेरे आएगी...
जाने पी गए हम कितने गम ए आंसू, अब कुछ और पीने की प्यास नहीं...
माना के प्यार किसी का मेरे पास नहीं, मगर तूं मेरी मोहब्बत का एहसास नहीं,
हर शाम आंखों को तेरा इंतजार रहता है, जिधर से गया था ओस और ख्याल रहता है, दिल को अब भी तेरी ज़रुरत बहुत है साथी, आजा लूटके आजा दिल हरदम बेकरर रहता है।
आप का ऐतबार को करे.. आप का ऐतबार को करे, रोज़ का इंतज़ार को करे..
पलकों पर रुक गया है समुंदर.. पलकों पर रुक गया है समुंदर खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का..
Intezaar Shayari In Hindi
इंतजार में लज्जत अगर ना हो.. ऐसी ही इंतजार में लज्जत अगर ना हो, करने के लिए घरी फिराक* में अपनी बसर ना हो..
आज तक तेरे खतरों से तेरी खुशबू ना गई.. मिट चले मेरी उम्मीदों की तरह हरफ मगर, आज तक तेरे खतरों से तेरी खुशबू ना गई..
कोई हमें जैसा नहीं है दिनो में.. कोई हमें जैसा नहीं है दिनो में, वो भी वेसा नहीं है दिनो में..
वफ़ा मैं अब ये हुनर इकतियार करना है.. वफ़ा मैं अब ये हुनर इकतियार करना है, वो सच कहे ना कहे ऐतबार करना है, ये तुझ को जगते रहने का शौक कब से हुआ, मुझे तो खेर तेरा इंतजार करना है..
खून-ए-दिल पीने को, लाख-ए-जिगर खाने को.. खून-ए-दिल पीने को, लाख-ए-जिगर खाने को, ये ग़ज़ा मिली है लैला तेरे दीवाने को..
गम की अंधेरी रात में दिल को ना बेक़रार कर.. गम की अंधेरी रात में दिल को ना बेक़रार कर, सुबाह जरूर ऐ जी सूबा का इंतजार कर..
आप का वादा आप का देदार.. आप का वादा आप का देदार, हशर तक इंतजार को करे..
इस से पहले के मुझे सब्बर आ जाए.. इस से पहले के मुझे सब्बर आ जाए, कितना अच्छा हो के लौट आओ तुम..
महबूब ने वादा किया है पांचवे दिन का.. मेरे महबूब ने वादा किया है पांचवे दिन का, किसी से सुन लिया होगा दुनिया चार दिनों की है..
हज़ारों मंजिलें, जी हज़ारों कारवां होगे.. हज़ारों मंजिलें गी हज़ारों कारवां होगे, बहारें हम को ढूंडे गी, ना जाने हम कहां होंगे..
हमें वक़्त का आलम न पूछिए.. हमें वक़्त का आलम न पूछिए, जब कोई बार बार कहे, आ रहा हूं मैं..
याकेन है के ना आए गा मुझसे मिलने कोई.. याकेन है के ना आए गा मुझसे मिलने कोई, तो फिर ये दिल को मेरे इंतजार केसा है..
मैं फूल चुन्ती रही और खबर न हुई.. मैं फूल चुन्ती रही और खबर न हुई, वो शक आ के मेरे शहर से चला भी गया..