Alone Sad Shayari
अभी जरा वक़्त हैं, उसको मुझे अजमाने दो, वो रो-रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक़्त तो आने दो...
तकलीफ तो जिंदगी देती हैं, मौत को तो लोग युही बदनाम करते हैं...!
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं, की ये शख्स सब कुछ हार गया, फिर भी जिन्दा हैं...
हालात सिखाते है, बाते सूनना और सहना..! वरना हर शक्स फितरत से बादशाह ही होता है...
Alone Sad Shayari
फायदा सबसे गिरी हुई चीज़ है, लोग उठाते ही रहते हैं..!
आज फिर ठण्डी रोटी खाई, माँ, आज फिर तुम बहुत याद आई...
मैंने सुना था की मोहब्बत तो सात जन्म तक साथ देती हैं, लेकिन हमे तो इस जन्म में ही छोड़ कर चली गई..!
“मुझे ये ❤ दिल कि बीमारी ना होती अगर तू इतनी #प्यारी ना होती…”
Alone Sad Shayari
कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियां ……. दो कदम जाकर सौ कदम लौट आती हूँ ..
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले फ़राज़, वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे…!!
कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़… ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया…!
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे…!! तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है
दिल तो करता हैं की रूठ जाऊँ कभी बच्चों की तरह फिर सोचता हूँ कि मनाएगा कौन….?
कैसे गुज़र रही है सब पूछते है , कैसे गुजारता हु कोई नहीं पूछता
Alone Sad Shayari
दो पल भी नहीं गुज़रते तुम्हारे बिन, ये ज़िन्दगी ना जाने कैसे गुज़ारेंगे!
रात की तन्हाइयो में बेचैन है हम , महफ़िल ज़मी है फिर भी अकेले है हम। आप हमसे प्यार करे या ना करे, पर आपके बिना बिलकुल अधूरे है हम।
ज़िन्दगी यु हुई बसर तनहा , काफिला साथ और सफर तनहा। अपने साये से चौक जाते है , उम्र गुजारी है इस कदर तन्हा।
शाम-ए-फिराक ज़ख्म-ए-जिगर और ये ग़ज़ल , यादे तुम्हारी दीदा-ए-तर और ये ग़ज़ल। जी चाहने लगा है करू फिर से तेरे नाम , एक शाम और एक शेर और ये ग़ज़ल।
उतना हसीं फिर कोई लान्हा नहीं मिला , तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला। सोचा करू मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगू , लेकिन कभी मैं खुद को तनहा नहीं मिला।
रात को जब चाँद सितारे चमकते है , हम हरदम आपकी याद में तड़पते है। आप तो चले गए हो छोड़कर हमको , मगर हम आपसे मिलने को तरसते है।
ना जाने कियु खुद को अकेला सा पाया है , हर एक रिश्ते में खुद को गवाया है। शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में , तभी हर किसी ने हमे यु ही ठुकराया है।
मेरी आँखों में देख आकर , हसरतो के नक्श , ख्वाबो में भी तेरे मिलने की , फ़रियाद करते है।
ज़िंदगी के ज़हर को य है के पी रहे है , तेरे प्यार बिना यु ही ज़िन्दगी जी रहे है। अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमे , तेरे जाने के बाद यु ही तनहा जी रहे है।
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत ना रही , फिर यु हुआ के दर्द में शिद्दत ना रही। अपनी ज़िन्दगी में हो गए मशरूफ वो इतना , की हम को याद करने की फुर्सत न रही।
कोई तो इंतिहा होगी मेरे प्यार की खुदा , कब तक देगा तू इस कदर हमे सजा। निकाल ले तू इस जिस्म से जान मेरी , या मिला दे मुझको मेरी दिलरुबा।
इंसान सिर्फ एक कारण से अकेला पड़ जाता हैं, जब उसके अपने ही उसे गलत समझने लगते हैं..!
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