गुस्सा शायरी इन हिंदी || Gussa Shayari In Hindi
गुस्सा नाराजगी या शत्रुता की तीव्र भावना है। यह अक्सर किसी को या किसी चीज़ को चोट पहुँचाने की तीव्र इच्छा के साथ होता है। क्रोध आंतरिक और बाह्य दोनों कारणों से हो सकता है। आंतरिक कारकों में तनाव, चिंता और निराशा जैसी चीजें शामिल हैं। बाहरी कारकों में ऐसी चीजें शामिल हो सकती हैं जैसे कोई व्यक्ति आपको ट्रैफ़िक में काट रहा है या किसी प्रियजन को चोट पहुंचाई जा रही है।
इन से जुडी कुछ शायरी आपके लिए लाये है। आशा करते है की आपको पसंद आएंगे।
धन्यवाद !
हर चेहरे पर उदासी है गम है या फिर गुस्सा है शहर मैं ये कौनसी खैरात बंट रही है इन दिनो
तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश है… तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता है!!
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा है की, दिल करता है दिन भर तुम्हे तंग करता रहूँ ।।
ग़ुस्सा भी है तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ का तलबगार हम चुप हैं भरे बैठे हैं गुस्सा न करेंगे
जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है
जब तक तेरा इतराना और गुस्सा करना बाकी है, अपने आप को अहले इल्म में शुमार न कर..
उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है, क्यूंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता है और ना मेरा प्यार !!
तुम कभी कभी गुस्सा कर लिया करो.. मुझसे मेरे सनम यकीन हो जाता है कि…अपना तो समझते हो
उसकी ये मासूम अदा मुझको बेहद भाती है, वो मुझसे नाराज़ हो तो गुस्सा सबको दिखाती है
गुस्सा न करो इतना कि वो शिकायत बन्न जाये, रहो न दूर इतना के हम अकेले हो जाये, दुनिया का एक रिवाज हमे भी पता है, प्यार न करो किसीसे इतना की वो जरुरत बन जाये…
ज़िन्दगी की राहों में आपको कभी न छोड़ूंगा, ये मासूम सा दिल आपका कभी न तोड़ूंगा, चाहे हो जाओ कितना भी गुस्सा हमसे, फिर भी आपसे कभी मुंह न मरूंगा…
नाराज क्यूँ होते हो किस बात पे हो रूठे, अच्छा चलो ये माना तुम सच्चे हम ही झूठे, कब तक छुपाओगे तुम हमसे हो प्यार करते, गुस्से का है बहाना दिल में हो हम पे मरते…
नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है, तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है, हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो, चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है…
देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से, मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है।
उनको आता है प्यार पर गुस्सा हमको गुस्से पर प्यार आता है
कोरा कागज़ पूछ रहा क्यों रुक गया कलम.. कहता गुस्से में मत लिखना तेरी जान का दिल है नरम..
गुस्से में बोला गया एक भी शब्द इतना जहरीला होता है कि प्यार से बोले हज़ार शब्दों को नष्ट कर देता है.
अगर गुस्से को सही दिशा दी जाय, तो वो ताकत बन जाती है।
आग लगाना मेरी फितरत में नही है, मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
गुस्सा इतना है कि तुमसे कभी बात भी ना करूँ, फिर भी दिल में तेरी फिक्र खुद से ज्यादा है।
मैं मुस्कुरा कर अपने किस्मत पे सारा गुस्सा उतार देता हूँ
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है
सबसे ज्यादा गुस्सा खुद पर तब आता हैं जब प्यार भी हम करें, इंतज़ार भी हम करें, जताये भी हम और रोयें भी हम !!
हमारा रूठना-मनाना तो लगा रहता है , हमारी आंखों में प्यार, उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है।
बेवजह किसी पर गुस्सा ना करना ऐ दोस्त, सुना है अक्सर रिश्ते बिखर जाया करते हैं…!!
हमारा रूठना-मनाना तो लगा रहता है , हमारी आंखों में प्यार, उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है।
उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है, क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता हैं, और ना ही मेरा प्यार।
बेवजह किसी पर गुस्सा ना करना ऐ दोस्त, सुना है अक्सर रिश्ते बिखर जाया करते हैं।
गुस्से का कोई इलाज नहीं, चाहे दोस्ती हो या हो प्यार सब उजाड़ ही देती है।
रिश्तों में मिठास लाने के लिए कई ज़हर पिये है मैंने भी, इसलिए लोग पूछते है अब गुस्सा क्यों नही आता मुझे।
जिन्हें गुस्सा आता हैं वो लोग सच्चे होते है, मैंने झूठो को अक्सर मुस्कराते हुए देखा है।
बात बात पर तू नाराज़ हो जाता है और फिर कहता है कि मुझे बहुत चाहता है गस्सा तो मुझे भी तुम पर बहुत आता है पर तेरा चेहरा देखते ही चला जाता है
मुझे तेरे गुस्से से डर नहीं लगता तेरा गुस्सा में झेल लेती हूँ हाँ, दिल तो दुखता है तेरे गुस्से से लेकिन तुझे खोने के डर से चुप रहती हू
मुझसे लड़ो झगड़ो चाहे जितना भी लेकिन रिश्ता तोड़ मत देना मुझ पर गुस्सा करो चाहे कितना भी लेकिन हमें छोड़ मत देना
आज दिल कर रहा था बच्चों की तरह रूठ जाऊ, पर फिर सोचा क्या फायदा मनाएगा कौन
जब तुम गुस्सा होते हो और हसीन लगते हो जी करता है तुम्हे और तंग करता रहूं
तुम्हारे गुस्से में भी प्यार दिखाता है बाकी अदाएं तो जान लेती ही है हमारी
मेरे गुस्से को प्यार में बदल दे जो तेरे चेहरे में जादू है वो
मोहब्बत में गुस्सा वही करते है जो सच्चे दिल से इश्क करते है
बड़े गुस्से की नजर से दिल्ली है वो लगता है किसी बात पर बहुत रोयी है
तेरा गुस्सा से मुंह फूलाना बिना बात के मुझसे रूठ जाना ये भी तेरी एक अदा है मुझे सताने का
जब भी तुम्हे गुस्सा आए तो हम पर बरस जाया करो तेरी खामोशी हमे मार देती है
कब तक मुंह फुलाए रहोगी हमसे अब मान जाओ हमे यूं ना सताओ गुस्सा छोड़ो मेरे गले लग जाओ
आँखें भर जाती है जब वो गुस्सा हो जाती है खाना पानी कुछ अच्छा नही लगता जब वो रूठ जाती है
जब भी कभी गुस्सा आए अपनो से थोड़ा दूर हो जाया करो अक्सर लोग गुस्से में कुछ भी बोल देते है
जो गुस्से को कंट्रोल करना सीख गया उसे रिश्तों का असली मतलब समझ आ गया
सालों का बनाया रिश्ता एक पल मे टूट सकता है गुस्से में बोली हर एक बात से
गुस्सा आए तो रोक लेना चाहिए गुस्से में बोली हर बात जहरीली होती है
गुस्सा इंसान की कमजोरी दर्शाता है जो इसे रोक लेता है समझदार कहलाता है
शांत रहकर गुस्से पर काबू पाया जा सकता है गुस्से वाली हर बात दिल में दबाया जा सकता है
नजरे फेर लिया उन्होंने लगता है वो गुस्सा है आज मेरी गलतियों की वजह से उसका दिल टूटा है आज
बेहद गुस्सा करते हो नफरत ज्यादा हो गई है या मोहब्बत ज्यादा करने लगी हो
हमसे गुस्सा होके बार बार हमे सताना अच्छा नही लगता तुम्हारे सिवा मेरा कहीं ठिकाना नही लगता
कभी गुस्सा हो जाऊ तो मुझे मना लेना खो जाऊंगा तुम्हारे बिना हमेशा मेरे साथ रहना
गुस्से में भी मुस्कुराना अपने आप में एक कला है
गुस्से में रोते वही है जो सच्ची मोहब्बत करते है वरना आंसू तो मगरमच्छ भी बहा लेता है
भले गुस्से में वो मुंह फेर लेती है पर नजरे तो उसकी हम पर ही होती है
हमे सताने का नया बहाना ढूंढी है वो जब भी कुछ कहता हूं तो मुंह फुला लेती है वो
वो गुस्सा हो के हमसे खुद ही रोती है ना सोने देती है हमे रातों को ना खुद सोने देती है
गुस्सा रिश्तों में जहर घोलने का काम करती है इसे अपने से दूर रखे
गुस्से में तो हम कुछ भी बोल देते है पर बाद में पछताना पड़ता है जो दिल के करीब है उन्ही से दूर हो जाना पड़ता है
उनका गुस्सा होना भी प्यार का एक हिस्सा है उसकी अहमियत का एहसास दिलाता है
गुस्से को दिमाग पर काबू ना होने दीजिए खुद को गुस्से को पर काबू पाना सीखिए
गुस्से का काम ही है रिश्तों को बिगड़ना इसे अपने पास आने ना दें
गुस्सा एक पल के लिए आता है सालों का बनाया रिश्ता पल भर के लिए उजाड़ देता है
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा है दिल करता है दिन भर तुम्हे तंग करता रहूं
गुस्से पर काबू पाने का हुनर आजमाना चाहिए गुस्सा जब भी आए शांत हो जाना चाहिए
रूठना मानना तो लगा रहता है हमारी आंखों में प्यार उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है
जिस इंसान ने गुस्से पर काबू पा लिया वो हर मुश्किल से जीत सकता है
गुस्से को थोड़ा अपने से दूर रखे वरना ये अपनो से दूर कर देता है
गुस्से ने इंसान कुछ भी बोल सकता है दिल के करीब हर रिश्तों को तोड़ सकता है
गुस्सा होने का हुनर भी तुम्हे खूब आता है पास रहते हो और बोलते भी नही
गुस्सा होके तुम्हे क्या मिलेगा तन्हा तुम भी रहोगी तन्हा मैं भी रहूंगा आँखें नम तुम्हारी भी होंगी नम मेरी भी रहेंगी
गुस्सा होना भी जरूरी है लेकिन सही जगह और सही वक्त पर
गुस्से में जो चिल्लाता है अंदर से वो बहुत कमजोर होता है परंतु जो गुस्से में भी शांत रहे वो असल में ताकतवर होता है
मुंह फुलाए बैठी हो नाराज हो क्या खामोशी छायी है चेहरे पर कोई बात है क्या
जो बहुत ज्यादा गुस्सा करता है वो अपनो से भी दूर हो जाता है
उसके गुस्से में भी प्यार नजर आता है यही अदा उसका मुझे बहुत भाता है
सितम हमारे सभी छांट लिया करो गुस्से से अच्छा है हमे डांट लिया करो
नफरत भी नही है और गुस्सा भी नही है पर ये दिल तेरी जिंदगी का हिस्सा भी नही है
गुस्सा वो हुए इस कदर कि हमीं से नाता तोड़ दिया हमने चाहा रोकना उसे मार के मेरा सिर फोड़ दिया
Gussa Shayari || गुस्सा शायरी