Sad Poetry Hindi
मन के अंदर उमड़ती उदासियों को शब्दों में बयां करना कुछ लोगों के लिए एक राहत होता है। हमारी Sad Poetry In Hindi में भी हम आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाने वाले हैं, जहाँ उदासी, अलविदाई और तन्हाई की अंधेरी रातों में खो जाना होता है। ये कविताएं आपकी अंतरात्मा को छूती हैं और आपकी रोह-रुह को एक नई ऊंचाइयों की तरफ ले जाती हैं।
फिर आज उसने दुआओं में माँगा था मुझे फिर आज उसने बेईन्तहा चाहा था मुझे फिर आज उसके ख्वाबों-ख्यालों में था, सिर्फ मैं फिर आज उसे सबसे ज्यादा याद आया था मैं…………………… पर उसकी बेबसी तो देखो, अब वो मुझसे दूर है उसके ख्वाब शीशे की तरह, टूटकर चूर-चूर हैं नींद भी नहीं आती है, उसे रातों में मानो उम्र गुजर रही हो, किसी की यादों में…………………… शायद ये फासला, अब कभी खत्म होगा हीं नहीं क्योंकि किस्मत को हमारा मिलन मंजूर हीं नहीं वो भी तन्हा रोती है, और इधर खुश मैं भी नहीं शायद प्यार की मंजिल यहाँ भी नहीं, वहाँ भी नहीं…………………… पर उसने कहा है मुझसे……. कि एक दिन हम दोनों एक हो जायेंगे किस्मत ने जिन्हें जुदा किया है…… वो प्रेमी कल फिर मिल जायेंगे……………
जब तु मिली मुझको और मैने तुझे चाहा तब मैं बदनसीब था और तु खुशनसीब थी भरी महफिल मे जब तुने मुझको ठुकराया तब मैं खुशनसीब था और तु बदनसीब थी मै रोया था मगर आंसू न गिरे थे मेरे हिस्से का मेरा वो तन्हा नसीब था बड़े सलीके से तुने मुझे आईना दिखाया मै बदतमीज था तु बुत-ए-तमीज थी ख्वाब जो भी देखे सब बद ख्वाब थे तेरे तारिफो मे पढे कसीदे मेरी बेहिजाबी थी था मै इनफराद पहले हूँ मै इनफराद अब भी बहुत कुछ था संग तेरे पर तु बद लिहाज थी भले अधूरी थी मोहब्बत की जो भी तालीम थी मना लेता फिर भी पर तेरी शर्ते अजीब थी अब भी पूछ लेता हूं खैरियत इनायत के बहाने न भुला सका तुझको क्योंकि तु मेरी अजीज थी
तेरी जिंदगी से बहुत दूर चले जाना है फिर न लौट कर इस दुनिया में आना है, बस अब बहुत हुआ …………………… अब किसी का भी चेहरा इस दिल में कभी नहीं बसाना है…………………… तुम्हारी जिंदगी में अब मैं नहीं तुम्हारी जिंदगी में अब कोई और सही पर मेरे दिल में तुम हमेशा रहोगे मेरा अधूरा ख्वाब बनकर, मेरे हमनशीं ……………………… न कर मुझे याद करके मुझपर और एहसान ऐसा न हो मुझे पाने की तमन्ना में चली जाए तेरी जान…………… मैं भी कोशिश करूँगा भुलाने की तुझे नहीं तो हो जाऊँगा तेरे नाम पर कुर्बान …………… हसरतें दिल में दबी रह गयी तुझे पाकर भी जिंदगी में कुछ कमी रह गयी , आँखों में तड़प और दिल में दर्द अब भी है न जाने तेरे जाने के बाद भी आँखों में नमी रह गयी ……………… मन करता है जो दर्द है दिल में बयां कर दूँ हर दर्द तुझसे , अब ये दर्द छुपाए नहीं जाते लेकिन नहीं कह सकता कुछ तुझसे क्योंकि दिलो के दर्द दिखाए नहीं जाते ……
उसकी अहमियत बताना भी ज़रूरी है – हिंदी कविताउसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है ! है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है !! अब काम लफ़्फ़ाज़ी से तुम कब तक चलाओगे ! उसकी झील सी आंखों में डूब जाना भी ज़रूरी है !! दिल के ज़ज़्बात तुम दिल मे दबा कर मत रखो ! उसको देख कर प्यार से मुस्कुराना भी ज़रूरी है !! उसे ये बारहा कहना वो कितना ख़ूबसूरत है ! उसे नग्मे मोहब्बत के सुनाना भी ज़रूरी है !! किसी भी हाल में तुम छोड़ना हाथ मत उसका ! किया है इश्क़ गर तुमने, निभाना भी ज़रूरी है !! सहर अब रूठना तो इश्क़ में है लाज़मी लेकिन ! कभी महबूब गर रूठे तो मनाना भी ज़रूरी है !!
दिन-बदिन, तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है। तुझे पाया नहीं अबतक, तुझे खोने का डर सताए जा रहा है। मेरे हाथों से छीनकर, अपने हिसाब से जिंदगी चलाए जा रहा है। तेरे आने से, दिल मेरा, अब उसको भुलाए जा रहा है। कुछ हुआ है अलग, तेरे आने से, बताए जा रहा है। एक बार फिर से, मुझको जीना, सिखाए जा रहा है।
तेरा साथ न मिला – हिंदी कविता हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला में वो लहर हूँ जिसे किनारा न मिला मिल गया मुझे जो कुछ भी चाहा मैंने मिला नहीं तो सिर्फ साथ तुम्हारा न मिला वैसे तो सितारों से भरा हुआ है आसमान मिला मगर जो हम ढूंढ़ रहे थे वो सितारा न मिला कुछ इस तरह से बदली पहर ज़िन्दगी की हमारी फिर जिसको भी पुकारा वो दुबारा न मिला एहसास तो हुआ उसे मगर देर बहुत हो गयी उसने जब ढूँढा तो निशान भी हमारा न मिला
“थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै… इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है, पर ऐसा भी नही हैं कि अब… मैंने चलना ही छोड़ दिया है। फासलें अक्सर रिश्तों में… अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं, पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने.. अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है। हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ… खुद को अपनों की ही भीड़ में, पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने… अपनापन ही छोड़ दिया है। याद तो करता हूँ मैं सभी को… और परवाह भी करता हूँ सब की, पर कितनी करता हूँ… बस, बताना छोड़ दिया है।।”
अब तो तेरा इश्क भूल जाएं तो बेहतर है। तू अब लौट कर ना ही आए तो बेहतर है। ज़िन्दगी अब ज़िन्दगी ना रही मगर क्या कहें तेरे साथ जितनी गुजारी उससे तो बेहतर है। तुम कह गए थे खुश रहना मेरे बाद मगर इस तरह की खुशी से तो गम बेहतर है। मुझे छोड़ कर चुना तुमने किसी और को चलो मान लिया तुम्हारे लिए वो बेहतर है। बेशक रुलाती है मगर बेवफ़ा तो नही है। तुम्हारे चले जाने से तो तुम्हारी यादें बेहतर हैं।
वो बोलता रहा इक बात ना नयी निकली, जो उसने बोला वो सब बात ही कही निकली! सुनाता सबको अगर मैं कहीं गलत होता, यकीन मानो न मुझमें कोई कमी निकली! जो शक था मेरा मेरे वो भी सामने आया, खुशी हुई कि मेरी उलझने सही निकली! मुझे तलाश थी जिस चीज़ की जमाने में, वो चीज मेरे ही आंगन में तब छुपी निकली! भुलाना चाहा तो वो याद फिर बहुत आयी, वो बातें मेरे ही जेहन में सब दबी निकली!!
गलतियों से जुदा तू भी नहीं और मैं भी नहीं, दोनों इंसान हैं खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां, वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं। अपने अपने रास्तों पे दोनो का सफ़र जारी रहा, एक लम्हें को रुका तु भी नहीं मैं भी नहीं । चाहते बहुत थे दोनों एक दूसरे को मगर ये हक़ीक़त मानता तु भी नहीं मैं भी नहीं। गलतियों से जुदा तू भी नहीं और मैं भी नहीं, दोनों इंसान हैं ख़ुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं।
रख सकों तो एक निशानी हूँ मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं रोक ना पाए जिसको ये सारी दुनिया वो एक बूंद आँख का पानी हूँ मैं… सबको प्यार देने की आदत है हमें अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमें कितना भी गहरा जख़्म दे कोई उतना ही ज्यादा मुस्कुरानें की आदत है हमें.. इस अजनबी दुनिया में अकेला ख़्वाब हूँ मैं सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं जो समझ ना सके मुझे उनके लिए कौन जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं.. आँख से देखोगे तो खुश पाओगे दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं अगर रख सकों तो एक निशानी हूं मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं…
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ ऐ ज़िन्दगी तेरी हालातों के आगे अभी झुका नही हूँ। कांच के रिश्ते लिए फिर रहा हूँ इन पत्थरों के शहर में ठोकरें लग रही है मगर अभी तक टूटा नहीं हूँ। हम मिले थे शायद किसी रह गुज़र में कभी, गर याद हो तुझे यकी कर आज भी उस मुलाकात को भुला नहीं हूँ। यूं तो गम की बारिश रही मुझ पर मुसलसल पर ख़ुदा के सजदे में कभी भीगा नही हूँ। जितने थे तूफ़ान सब गुज़र गए मेरी लौ से जाने किसकी दुआ है जो अभी तक बुझा नही हूँ।
यहाँ हर दिल मे एक अधूरी सी कहानी है। तन्हाइयों में हर किसी की जिंदगी रूहानी है। बाहर से हर चेहरा हंसता हुआ नजर आएगा भीतर से टटोलोगे तो हर आंख में पानी है। कुछ यादें लिए बैठे है कुछ किस्से लिए बैठे है। यहां लोग एक दिल के कई हिस्से लिए बैठे है। बैठिए किसी के पास कुछ पल हमराह बनकर तभी जान पाओगे, दर्द में कितनी सुनामी है। कोई “दर्द” कह देता है तो किसी को कहना नही आता कोई पत्थर बन जाता है किसी को चुप रहना नही आता सबकी आदत औरों को जानना है, और अपनी छुपानी है। चुप रहकर जिम्मेदारियां निभानी है बस यही जिंदगानी है।
आंखों में क़ैद, एक मंजर देखा है, मै प्यासा रहा, लेकिन समन्दर देखा है, मुझे ना दिखाना खेल दुनियां के, मैने हरियाली में भी, पेड़ो को बंजर देखा है। बड़े अजीब है, तरीके यहां, रिश्ते निभाने के, एक हाथ में प्यार,और दूजे में, खंजर देखा है, मुझे ना दुआ देना इन बारिशों में, फिर से जवां हो जाने की, मैने बारिशों के बाद भी, जमीं को बंजर देखा है,
गुजर रही है उम्र, पर जीना अभी बाकी हैं। जिन हालातों ने पटका है जमीन पर, उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी हैं। चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं, मन्जिल कौ पाना अभी बाकी हैं, कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के, कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं । वक्त को करने दो अपनी मनमानी, मेरा वक्त आना अभी बाकी है, कर रहे है सवाल मुझे जो loser समझ कर, उन सबको जवाब देना अभी बाकी हैं। निभा रहा हूँ अपना किरदार जिंदंगी के मंच पर परदा गिरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी हैं, कुछ नहीं गया हाथ से अभी तो, बहुत कुछ पाना बाकी हैं…
यहाँ सब कुछ बिकता है, दोस्तों रहना जरा संभल के! बेचने वाले हवा भी बेच देते है, गुब्बारों में डाल के। सच बिकता है, झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी! तीन लोक में फैला है, फिर भी बिकता है बोतल में पानी! कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे… टूट कर बिखर जाओगे। जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए उसदिन “खुदा” बन जाओगे।।
कहाँ पर बोलना है, और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है, वहाँ मुँह खोल जाते हैं। । कटा जब शीश सैनिक का, तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का, तो सारे बोल जाते हैं। नयी नस्लों के ये बच्चे, जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले, तो बच्चे बोल जाते हैं।। बहुत ऊँची दुकानों में, कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा, तो सिक्के बोल जाते हैं।। अगर मखमल करे गलती, तो कोई कुछ नहीं कहता। फटी चादर की गलती हो, तो सारे बोल जाते हैं। हवाओं की तबाही को, सभी चुपचाप सहते हैं। च़रागों से हुई गलती, तो सारे बोल जाते हैं।। बनाते फिरते हैं रिश्ते, जमाने भर से अक्सर हम मगर घर में जरूरत हो, तो रिश्ते भूल जाते हैं।। कहाँ पर बोलना है, और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है, वहाँ मुँह खोल जाते हैं। ।
मैं रोने से डरता हूँ, जुदा होने से डरता हूँ मेरी आँख बताती है कि मैं सोने से डरता हूँ मेरी उँगली पकड़ लेना, मुझे तन्हा नहीं करना ये दुनियाँ एक मेला है इसलिए तुम्हे खोने से डरता हूँ जब हँसता हूँ तो क्यों पलकें भीग जाती हैं । तुम्हें मालुम है मैं इस तरह रोने से डरता हूँ जब से ये ख़्वाब देखा है तुम मुझे छोड़ जाओगे मैं डरता हूँ ख़्वाबों से, मैं अब सोने से डरता हूँ
सफ़र में धूप तो होगी – हिंदी कविता सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो कहीं नहीं कोई सूरज धुआँ धुआँ है फ़ज़ा ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
तु दूर होके भी मेरे पास है – हिंदी कविता तु दूर होके भी मेरे पास है। जैसे पहले थी आज भी उतनी ही खास है। तुझे लगता है भूल गया हूं सब अरे पगली अभी तो प्यार की शुरुआत है! तुझे तो फर्क ही नहीं पड़ता! मेरे ना होने पर भी हर खुशी तेरे पास है! तु दूर होके भी मेरे पास है। जैसे पहले थी आज भी उतनी ही खास है।
बहुत हो गया जवाब देना सवाल ही रहने देते है ना सफाई देकर थक गए हैं अब खुद से इश्क कर लेते है ना वो खुश है हमें रुलाकर तो उसे खुश रहने देते है ना हजारों गम है जीवन में थोड़ा और सह लेते है ना..
रब” ने नवाजा हमें जिंदगी देकर; और हम “शौहरत” मांगते रह गये; जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे; फिर जीने की “मौहलत” मांगते रह गये। ये कफन ये जनाज़े, ये “कब्र” सिर्फ बातें हैं मेरे दोस्त,, वरना मर तो इंसान तभी जाता है। जब याद करने वाला कोई ना हो…!! ये समंदर भी तेरी तरह खुदगर्ज़ निकला, जिंदा थे तो तैरने न दिया और मर गए तो डूबने न दिया .. क्या बात करे इस दुनिया की “हर शख्स के अपने अफसाने हैं” जो सामने हैं उसे लोग बुरा कहते हैं, जिसको देखा नहीं उसे सब “खुदा” कहते हैं!!!
झूठ भी बोलना पड़ता हैं,सच भी छुपाना पड़ता है… ज़िन्दगी जीने के लिए हर रास्ता अपनाना पड़ता है.. शरीफ लोगों को जीने कहा देते हैं,कभी कभी बुरा भी बन जाना पड़ता है… ये ज़िन्दगी हैं साहब… यहाँ दर्द छुँपाकर भी मुस्कुराना पड़ता है…
अचानक ज़िन्दगी में कभी, एक अन्जान सा शख्स आता है… जो दोस्त भी नहीं, हमसफ़र भी नही, फिर भी दिल को बहुत बहुत भाता है ढेरों बाते होती हैं उस से, हज़ारों दुख सुख भी बंटते हैं, जो बातें किसी से नहीं करते थे, वो भी हम उस से करते हैं है तो वो अनजाना सा, पर दिल को बहुत वो, जाना पहचाना सा लगता है … कोई रिश्ता नहीं है उससे, फिर भी उसकी हर बात मानने का दिल करता है…. कोई हक नहीं है उस पर हमारा फिर भी उस पर हक जताना हमको अच्छा लगता है .. जब कुछ भी सुनने का मन ना हो तब भी, उसको सुनना अच्छा लगता है, …
दिल जब घबराये तो खुद को एक किस्सा सुना देना जिन्दगी कितनी भी मुश्किल क्यूँ ना हो मुस्कुरा देना.. आसानी से सब कुछ हासिल हो तो उसकी कदर कहाँ? जरूरी है कुछ पाने के लिए कुछ गंवा देना.. जाहिर है मुसीबतों में साथ कोई अपना नहीं रहता चुप रहना बेशक आँख से एक कतरा बहा देना… शिकायतें सिर्फ दिल मैला करती हैं और कुछ नहीं आसान है गले मिल कर कभी सब कुछ भूला देना बीते हुए दौर की बातें याद कर क्या हासिल प्यारे क्या जरूरी है कल की याद में अपने आज को सज़ा देना… कुछ कमियां हम सब में है, ये जानते हैं हम बहुत बड़ी बात है,, किसी के ऐब को बे-वजह छुपा देना..
बेवजह जज़्बातों को जगाते ही क्यूँ हो, गर यकीं नहीं तो दिल लगाते ही क्यूँ हो! जब आकर चले जाना फितरत में है तेरी, तो बेवजह जिन्दगी में आते ही क्यूँ हो! अपना नहीं सकते जिसे उम्रभर के लिए, उसे जमाने से अपना बताते ही क्यूँ हो! जिन रिश्तों को समेटना आता नहीं तुम्हें, उन रिश्तों को फिर आजमाते ही क्यूँ हो! जब वजह दे नहीं सकते पलभर मुस्कुराने की, तो खामखां इस तरह से रुलाते ही क्यूँ हो!!
मेरी आँखे ना देखो तुम, मेरे दिल में उतर जाओ जमाना जिसको ना माने, आज कुछ ऐसा कर जाओ चुरा लो सांस तुम मेरी, मेरे हर लब्ज ले जाओ कोई सुने तो बस रो दे, गीत कुछ ऐसा तुम गाओ चले जाओ वहाँ पर तुम, जहाँ मीलों तक कोई ना हो फिर जब मन गवाही दे, मुझे भी साथ ले जाओ करो फिर स्पर्श तुम मुझको, मेरे बालों को सहलाओ बढ़ा कर प्यास तुम मेरी, मेरे अंतर को छु जाओ नसों में सांस भर जाओ, मधुर एहसास भर जाओ जो मर कर भी ना मैं भूलूँ, कुछ ऐसा खास कर जाओ
मिरी ये रूह प्यासी है तिरे ख्वाबों में आने को, मैं रोया खून के आंसू तुझे अपना बनाने को ! मिली है बस ये तन्हाई, वफ़ा है आरजू मेरी, जली अरसों निगाहे ये तुझे बस देख पाने को । बदन की चाँदनी तेरी अगर प्याले में ढल जाऐ, शराबी भूल बैठेगा शराबों के ख़ज़ानों को। ये जो बेहोश बैठा है वो मेरा होश ही होगा, अभी अरसा लगेगा और इसको होश पाने को। मरा वो जिस्म तो देखो जो शायद तक मिरा होगा, यहीं मैं रोज़ मरता हूँ नई लाशें बनाने को। मिरी ये साँस की उलझन तेरा ही नाम लेती है, मिरा ये ख्वाब है सोया तेरे ख्वाबों में आने को । मिरे इस दर्द की मंज़िल कभी तुम जानती थी क्या? मैं कितनी रात जागा हूँ, फ़लक को यूँ सजाने को! मिरे इस दिल की डोरी है ये तेरी रेशमी जुल्फ़ें, गले से तुम लिपट जाओ मुझे भी बांध जाने को ।
बची हर सांस गिनता हूँ, तेरी साँसों में ठहरा हूँ, दबी हर बात सुनता हूँ, तेरी बातों सा गहरा हूँ । ज़माने से न भागा हूं, ज़माने में ही उतरा हूँ, तेरे राज़ों को रख दिल में, ज़मी पर आज बिखरा हूँ। दिलों में जख्म है ढेरों, कई है दर्द के किस्से, बची है अब ज़फा तेरी, उसी से बस मैं तेरा हूँ। यही बस सोचता हूँ मैं कि ये अब राज़ है कैसा? मैं सोचूँ ये ही बस दिनभर, मैं तेरा हूँ या मेरा हूँ! मैं जो भी दर्द लिखता हूँ उसे तू रोज़ गाती है, कभी ना दूर तुझसे हूँ लबों का गीत तेरा हूँ। ये कैसी बेरुखी तेरी जो अब तक दूर तू मुझसे, ये मेरे दिल की हमदर्दी, मैं अब भी अक्स तेरा हूं। ये दरवाज़े भले ही बंद कर लेना तेरे दिल के, मगर ये याद रखना तुम ,इसी पट का मै पहरा हूँ। ये मेरा और तेरा दिल फ़लक पर ही चमकता था, मैं अब टूटा सितारा हूँ ज़मी पर आज ठहरा हूँ। मैं तारा हूँ तेरे दिल का मुकम्मल आसमां तू है, मुकम्मल दिल हवेली है, फ़क़त उसका मैं कमरा हूँ। तू पूरा है समंदर सुन तू पूरा आसमां भी है, बची छोटी ज़मी तेरी ,बचा उसका मैं ज़र्रा हूँ। मैं अब आवाज़ दूं तुझको , ये हिम्मत ना बची मुझमें फसा हूँ ज़ख्म में इतने, लबो का बोल ठहरा हूँ।
किसी का सहारा ना बन के … साथ दे पाओ तो बेहतर है .. उजाले में तो सभी मिलते हैं गले … अंधेरों में हाथ दे पाओ तो बेहतर है . … कुछ लोगों को नहीं है दरकार.. किसी कीमती तोहफे की यहां… इस भागती दौड़ती दुनिया में.. तुम उन्हें अपने कीमती वक़्त की … ज़रा सी सौगात दे पाओ तो बेहतर है .. कुछ खामोशियों में छुपी होती हैं कई बातें.. हंसते हुए चेहरों के पीछे कई दर्द पलते हैं .. यूं तो मुमकिन नहीं है हर दिल को समझ पाना यहां .. तुम समझने की कुछ कोशिश भी कर पाओ तो बेहतर है ..