26 January Shayari | देशभक्ति शायरी हिंदी में | Desh Bhakti Shayari
हमारे देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज ही के दिन 1950 में हमारे देश के संविधान को आधिकारिक रूप से अंगीकृत किया गया था और भारत एक पूर्ण संप्रभु राष्ट्र बन गया था। देश का मूल कानून, संविधान, महात्मा गांधी जैसे महान लोगों और हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कई स्वतंत्रता सेनानियों के जुनून और कड़ी मेहनत के माध्यम से बनाया गया था। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है और तब से इसे गणतंत्र दिवस के रूप में पहचाना और मनाया जाता है।
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे, भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे।
हजारो शत्रु आये पर, पर हमको कौन जीता है, कभी हिम्मत के दौलत से न हमारा हाथ रीता है, वंशज है भरत के हम, धर्म पर मर-मिटने वाले, हथियार एक हाथ में थामे तो दूजे हाथ में गीता है… जय हिन्द ।।
लड़े जंग वीरों की तरह, जब खून खौल फौलाद हुआ। मरते दम तक डटे रहे वो, तब ही तो देश आजाद हुआ ।।
बर्फ के पहाड़ों पर आग सा जलता है, रेत के रेगिस्तान में वो हिम सा ठहरता है। एक फौजी ही तो है साहब, जो देश पे मर कर भी जिंदगी जी जाता हैं...
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
वक्त आ गया हैं अब, दुनिया से साफ़ साफ़ कहना होगा देश प्रेम की प्रबल धारा में सबको बहना होगा जिसे तिरंगा लगे पराया, मेरा देश छोड़ के जाना होगा हिंदुस्तान में हिंदुस्तानी बनकर ही रहना होगा...
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें, शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले, जिसमे बहकर आज़ादी पहुची थी किनारे पे, देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर लें
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही ! सर कटा सकते हैं, लेकिन सर झुका सकते नही...
गीले चावल में शक्कर क्या क्या गिरी, तुम भिखारी खीर समझ बैठे, चंद कुत्तो ने पाकिस्तान जिंदाबाद क्या बोला, तुम कश्मीर को अपने बाप की ज़ागीर समझ बैठे...
Desh bhakti quotes in hindi
वतन के रखवाले हैं हम, शेर -ए-जिग़र वाले हैं हम, मौत से हमें क्यों डर लगेगा ? मौत को बाँहों में पाले हैं हम, जय हिन्द वन्दे मातरम... प्यारी जन्मभूमि भारत माता की जय
मरना है तो वतन के लिए मरो... कुछ करना है तो वतन के लिए करो.. अरे टुकड़ों में तो बहुत जी लिया.. अब जीना है तो मिल कर वतन के लिए जियो..
Patriotic shayari
लिख रहा हूं मै अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा,
मुझे तन चाहिए , ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिन्दा रहूं,इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरू तो तिरंगा कफ़न चाहिये...जय-हिन्द
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये....
ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन हैं हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा.....
26 January Shayari
जिस मिट्टी मेँ जन्मे उस मिट्टी की शान बनो, अगर कुछ करना है वतन के लिये तो, तुम "APJ कलाम" बनो... जय हिन्द ।।
क्या ये देश उन्हीं का है जो सीमा पर मर जाते हैं ? अपना खून बहाकर टीका सरहद पर कर जाते हैं। ऐसा युद्ध वतन की खातिर सबको लड़ना पड़ता है। संकट की घड़ियों में सबको सैनिक बनना पड़ता है जो भी कौम वतन की खातिर मरने को तैयार नहीं। उसकी संतति को आजादी जीने का अधिकार नहीं... जय हिन्द ।। वतन के लिए जो फ़ना हो गए हैं तिरंगा उन्हीं की सुनाता कहानी..... किया दिल से हर फैसला ज़िंदगी का कोई बात समझी, न बूझी, न जानी....
कायरों के हाथ में कभी राज नहीं होता....! झुके हुए सर पर कभी ताज नहीं होता....! खानी पड़ती है सीने पर गोलियां ,चरखा चलाने से कभी इन्कलाब नहीं होता!!!" अरे.. जीने को तो जी ही लेते हैं सभी ... लेकिन.. देश के लिए मरने वालो का कोई जबाब नहीं होता...!
26 january shayari
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ के आया हूँ..... मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, में अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ के आया हूँ....
अलग है भाषा धर्म जात और प्रान्त भेष परिवेश.. पर हम सब का एक ही है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा सर्वश्रेष्ठ।।
तिरंगा हमारा हैं शान- ए-जिंदगी वतन परस्ती हैं वफ़ा-ए-ज़मी देश के लिए मर मिटना कुबूल हैं हमें अखंड भारत के स्वपन का जूनून हैं हमें..!!
वतन हमारा मिसाल है मोहब्बत की, तोड़ता है दीवार नफरत की, मेरी खुश नसीबी है मिली जिंदगी इस चमन में ,भुला ना सके कोई इसकी खुशबू सातों जन्मों में..!!
गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी शायरी, मैसेज
संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे, हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे हम मिलजुल के रहे ऐसे की मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा। परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का, वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा,
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है…
कर चले हम फिदा जाने तन साथियो, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो... जय हिन्द ।। देश भक्ति शायरी इन हिंदी :- खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देश भक्ति शायरी इन हिंदी
दिल में तूफां आँखों में दरिया लिए बैठें हैं, ना पूछो हमसे कहानी हमारी, हम अपनी पूरी जिंदगी वतन के नाम किये बैठें हैं... जय हिन्द ।।
जो हिंदुस्तान को नमन करना छोड दे, वो देशद्रोही हमारा वतन छोड़ दे, मजहब प्यारा है पर वतन नही, वो देश की मिटटी में दफ़न होना छोड़ दे... जय हिन्द ।।
केसर की क्यारी में तुमको ईद मनाने ना देंगे, कश्मीर में कौमी ध्वज तुम्हे फहराने ना देंगे, ढाका की मलमल दे दी पर माँ का चीर ना देंगे, लाशों से पाट देंगे तेरी धरती पर कश्मीर ना देंगे... जय हिन्द ।।
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी, जो शहीद हुये हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी... जय हिन्द ।। देश भक्ति शायरी हिन्दी :- कोई 'हस्ती' कोई 'मस्ती' कोई 'चाह'* पे मरता है, कोई 'नफरत' कोई 'मोहब्बत' कोई 'लगाव' पे मरता है, ये "देंश" है उन 'दिवानों' का जहाँ हर बन्दा अपने "हिंदुस्तान" पे मरता है... जय हिन्द ।।
अधिकार मिलते नहीं लिए जाते है, आजाद है मगर गुलामी किये जाते है, वंदन करो उन वीरो का, जो मौत को आँचल मैं लिए जाते है... जय हिन्द ।।
मै रहू या ना रहू पर ये वादा है तुमसे मेरा कि, "मेरे बाद वतन पर मरने वालो का सैलाब आयेगा" देशभक्ति शेर शायरी
ऐ वतन ऐ वतन, हमको तेरी कसम !! फूल क्या चीज है, तेरे कदमो मे हम !! भेंट अपने सरो की चढ जाएंगे॥
वतन के लिए जो फ़ना हो गए हैं तिरंगा उन्हीं की सुनाता कहानी..... किया दिल से हर फैसला ज़िंदगी का कोई बात समझी, न बूझी, न जानी....
खुशी से भारत को आबाद करना, और गम को भारत से आजाद करना, हमारी बस इतनी गुजारिश है कि, शहीदो को भी हमेशा याद रखन... जय हिन्द ।।
desh bhakti shayari
मेरी महफ़िल है, मेरा सेहरा है, मेरा कफ़न है, वतन मेरा, एक ज़िन्दगी नहीं, हर जनम वारं दूँ, अपने हिन्दुस्तान पर... जय हिन्द ।।
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं। तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान हैं..!!
मत रो बहन ! हम शर्मिंदा हैं, हिंदुस्तान के कई घरों मे अब भीं देशद्रोही जिंदा हैं, आस्तीन के सांप अभी राजनीती और मीडिया में जिन्दा है, शहादत को दुनिया सलाम करती है... जय हिन्द ।।
हर वक़्त मेरी आँखों में धरती का स्वपन हो, जब कभी मरू तो तिरंगा ओढ़ सोता रहु, और कोई इच्छा नहीं ज़िन्दगी में, जब कभी जन्म मिले तो हिंदुस्तान मेरा वतन हो... जय हिन्द ।।
है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है... जय हिन्द ।।
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई ? उनके बलिदान का कर्ज देश पर उधर है, आप और हम इसलिए खुशहाल है क्योकि, सीमा पर सपूत बलिदान को तैयार है... जय हिन्द ।।
भारत देश हमको जान से प्यारा है, हिन्दुस्तानी नाम हमारा है। न ठण्ड में गलें, न तुफानो से डरें, न गर्मी से तपें । हम फौजी इस देश की शान है..!!
करता हूँ भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले, हर जन्म मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर या फिर कभी जिंदगी न मिले..!!
सीनें में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति, की चमक रखता हुँ, दुश्मन के साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ..!!
Latest Deshbhakti Sms
जब देश में थी दिवाली, वो खेल रहे थे होली । जब हम बैठे थे घरो में, वो झेल रहे थे गोली ।। क्या लोग थे वो अभिमानी, है धन्य उनकी जवानी । जो शहीद हुए है उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी ।। ए मेरे वतन के लोगो, तुम आँख में भर लो पानी..!!
ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!!
कर जस्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम। हर पत्ते को मार गिरायेंगे, जो हमसे देश बटवायेंगे..!!
कभी सनम को छोड़ के देख लेना, कभी शहीदों को याद करके देख लेना, कोई महबूब नहीं है वतन जैसा यारो, देश से कभी इश्क करके देख लेना..!!
आओ झुकर सलाम करे उनको जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है, खुसनसीब है वो खून जा देश के काम आता है..!!
देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं... जय हिन्द ।।
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं, माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं,
देश भक्ति शायरी सुविचार
मुझे तन चाहिए , ना मुझे धन चाहिए, बस अमन से भरा मेरा वतन चाहिए, जिन्दा रहूं तो इस मातृ-भूमि के लिए, और जब मरू तो तिरंगा कफ़न चाहिये... जय हिन्द ।।
बस ये बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने, उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना... जय हिन्द ।।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है ! कुछ नशा मातृभूमि की शान का है ! हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा ! नशा ये हिंदुस्तान की शान का है..!!
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