Dil Shayari

Best Dil Shayari, Status and Quotes

आपको जाते हुए देख के न संभलेगा दिल, 
उसको बातों में लगा लूँ तो चले जाईयेगा।
धडकनो को भी रास्ता दे दीजिए जनाब,
आप तो सारे दिल पर कब्जा किए बैठे है।
सुनो दोस्तों किसी ने मेरा दिल तोड़ा है,
अब आप ही बताओ अपनी जान दू? या उसे जाने दू?
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो,
दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं।
आज फिर मौसम नम हुआ मेरी आँखों की तरह, 
शायद बादलों का भी दिल किसी ने तोड़ा होगा।
अभी तक मौजूद हैं इस दिल पर तेरे कदमों के निशान, 
हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया।

dil shayari in hindi

चलते चलते हमसे पूछा पाऊँ के छालो ने,
बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल में बसने वालो ने।
जैसा दिखता हूँ सच में वैसा ही हूँ दिल से,
यूँ मुझे चेहरे पे चेहरा लगाना नही आता।
आज भी कितना नादान है दिल समझता ही नहीं,
बाद बरसों के उन्हें देखा तो दुआएँ माँग बैठा।
आइने और दिल का बस एक ही फसाना है,
टूट कर एक दिन दोनों को बिखर जाना है।
मैंने कहा था मुझे अपने दिल में रहने दो,
क्योकि बेघर बच्चा आवारा हो जाता है।
ऐसा नहीं था की दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,
बस इतना समझ लो की हाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी।
मेरे दिल से खेल तो रहे हो तुम पर जरा सम्भल के,
ये थोडा टूटा हुआ है कहीं तुम्हे ही लग ना जाए।
कभी उदास बैठे हो तो बता देना,
हम फिर से अपना दिल देंगे खेलने के लिए।
दिल मेरा भी कम खुबसुरत तो न था,
मगर मरने वाले हर बार सूरत पे ही मरे।
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है,
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है।

dil todne wali shayari

मोहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का,
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ।
रोशनी में कुछ कमी रह गई हो तो बता देना,
ऐ सनम दिल आज भी हाजिर है जलने को।
ना जाने कौन सी दौलत हैं कुछ लोगों के लफ़्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।
कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है,
तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है।

dil tuta shayari

दिल का क्या हाल कहूँ सुब्ह को जब उस बुत ने
ले के अंगड़ाई कहा नाज़ से हम जाते हैं
दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से
इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से
दिल अगर दिल है तो वाबस्ता-ए-ग़म भी होगा
निकहत-ए-गुल भी कहीं गुल से जुदा रहती है
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है
चले आओ जहाँ तक रौशनी मालूम होती है

dil ki shayari

दाग़-ए-दिल से भी रौशनी न मिली
ये दिया भी जला के देख लिया
दूर ख़ामोश बैठ रहता हूँ
इस तरह हाल दिल का कहता हूँ
देखा मुझे तो तर्क-ए-तअल्लुक़ के बावजूद
वो मुस्कुरा दिया ये हुनर भी उसी का था
देख तो दिल कि जाँ से उठता है
ये धुआँ सा कहाँ से उठता है
तड़पती देखता हूँ जब कोई शय
उठा लेता हूँ अपना दिल समझ कर

dil ki bat shayari

तअज्जुब क्या लगी गर आग ऐ ‘सीमाब’ सीने में
हज़ारों दिल में अँगारे भरे थे लग गई होगी

 

आरज़ू तेरी बरक़रार रहे,
दिल का क्या है रहा रहा न रहा।
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं,
दिल हमेशा उदास रहता है।
छोटे शहर के अखबार जैसा हूँ,
दिल से लिखता हूँ इसलिए कम बिकता हूँ।
दिल ने सोचा था उसे टूट कर चाहेंगे,
सच में चाहा भी बहुत टूटे भी बहुत।

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